राष्ट्रीय गोवंश संवर्धन बोर्ड देश की आवश्यकता

राष्ट्रीय गोवंश संवर्धन बोर्ड देश की आवश्यकता
           
                                     
- श्री लक्ष्मीनारायण मोदी
                     
 
   देश में जब सरकार द्वारा शराब, मांस एवं मछली के लिए विकास बोर्ड बनाया जा सकता है तो कृषि की रीढ़ गोवंश के संवर्धन के लिए राष्ट्रीय गोवंश संवर्धन बोर्ड व राष्ट्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान क्यों नहीं? यह एक गहरी चिन्ता का विषय है | इस गंभीर विषय पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए भारतीय गोवंश संवर्धन प्रतिष्ठान नई दिल्ली द्वारा गत् माह एक बैठक अयोजित की गई | इस बैठक में भारत गोसेवक समाज, राष्ट्रीय गोधन महासंघ, विश्व हिन्दु परिषद आदि गोसंवर्धन के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे | बैठक को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अब हमें उच्च स्तर पर पहल करनी होगी ताकि संस्थानों के गठन का रास्ता साफ हो सके |
यह चिन्ता की बात है कि देश में भेड़, बकरी, ऊंट व सुअर तक के लिए अनुसंधान संस्थान है पर गोवंश के लिए नहीं, जबकि गोवंश का राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है | आज हमारा गोवंश खतरे में है| गोवंश की अनेको नस्लें खत्म हो चुकी है या खत्म होने की कगार पर है | सरकार स्वयं मानती है कि एक प्रजाति के नष्ट होने से राष्ट्र को अरबों डालर की हानी होती है | अतः गोवंश के संवर्धन की महती आवश्यकता है |
गो संवर्धन के क्षेत्र में कार्यरत सभी संस्थाओं से अनुरोध है कि हम सभी को मिलकर सरकार पर दबाब बनाना चाहिए | योजना आयोग ने पशु शक्ति को ऊर्जा की श्रेणी से बाहर कर रखा है | इस कारण भी गोवंश की हानि हो रही है | सरकार किसानों को रसायनिक खेती के लिए भारी अनुदान दे रही है पर सजीव कृषि के लिए नहीं | अतः इस ओर भी कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे किसान पुनः बैलो से खेती करें औरा समृद्ध हों | बैठक को श्री विष्णुहरि डालमिया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरतीलाल गोयल, एन जे कामथ, जंसवन्त राय
एवं विजय खुराना आदि ने संबोधित किया | बैठक के समापन में राष्ट्रीय गोवंश संवर्धन बोर्ड और राष्ट्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान बनाये जाने के लिए सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया |             

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