भावी योजनाऐं



  • जहाँ विद्युत नहीं है ऐसे गांवो में "गौ आधारित विद्युत केन्द्र" स्थापित करना।
  • ''गौ आधारित चिकित्सा पद्धति '' का प्रचार करना ! इस हेतु अनुसंधान केन्द्र पर चिकित्सालय की स्थापना करना तथा योग्य चिकित्सक नियुक्त करना।
  • गोबर गैस को शोधित कर कार चलाने योग्य सी.एन.जी गैस का निर्माण करना व इस गैस को सिलेंडर में भरने की व्यवस्था करना यानि '' बायोगैस बोटलिंग प्लान्ट '' लगाना ।
  • बैल चालित जेटपम्प, आटाचक्की, स्पेलर, ट्रैक्टर द्वारा कार्य करने के तरीके को किसानों में प्रचारित कर उन्हें प्रशिक्षित करना ।
  • प्रत्येक गांव में '' गौ चिकित्सालय, गौ उत्पाद विक्री केन्द्र, स्वदेशी वस्तु दुकान '' की स्थापना करना ।
  • जैविक कृषि उत्पादों जैसे केंचुआ खाद, स्लरी खाद, नेडेप खाद  की विक्री की व्यापक व्यवस्था करना।
  • पंचगव्य, आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण के लिये व्यापक व्यवस्था करना।
  • गौ रक्षा हेतु ''सशस्त्र गौ रक्षा वाहन दल '' बनाना , जिससे गोवंश की तस्करी पर रोक लगाई जा सके ।

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गो दुग्ध - एक अध्ययन

- डॉ. श्री कृष्ण मित्तल