केंसर की बीमारी- रासायनिक खाद और कीट नाशकों के कारण

वर्तमान आधुनिक प्रगतीशील भारत में केंसर की बीमारी महामारी की तरह फ़ैल रही है, रसायनिक खाद और कीट नाशकों के कारण| इंजेक्शन लगाकर रातों रात तैयार की हुई सब्जियां मिल रही हैं| कार्बाइड से पकाए हुए फल मिल रहे हैं| गाय भैंसों के औक्सिटोक्सिन का इंजेक्शन लगाकर दूध निकालते हैं, इससे दूध तो अधिक आता है पर उनकी हड्डियां गल जाती हैं और वे शीघ्र ही बूचड़खाने पहुँचा दी जाती हैं| बाजार में आधी से अधिक दवाइयां नकली मिलती हैं| डॉक्टर, वकील और पुलिस सब आपकी जेब ढीली करने के चक्कर में ही रहते हैं| भ्रष्टाचार और दुराचार चारों और फैला है| खाद्य पदार्थों में भयंकर मिलावट रहती है| पशुओं की चर्बी से नकली घी बनता है| हज़ारों निरीह पशु और गौ माताएं बड़ी क्रूरता से नित्य कटती हैं| उनका करुण क्रंदन सुनकर भगवान भी द्रवित तो होते ही होंगे| मरे हुए पशुओं की चर्बी से निकले तेल से बने बनाए चिप्स आदि खाद्य पदार्थ सामान्य हो गए हैं| शासकवर्ग स्वार्थी, शोषक और चोर हो गया है| मनुष्य इतना स्वार्थी और लालची हो गया है कि खुद के एक पैसे के फायदे के लिए दुसरे का हज़ार रूपये का नुकसान कर देता है| मैं कोई नकारात्मक बात नहीं कर रहा अपितु वास्तविकता बता रहा हूँ| आज के बुद्धिजीवी समानता और स्वतंत्रता की बात करते हैं पर भातृत्व की बात कोई नहीं करता जिसके बिना कोई भी सभ्यता टिक नहीं सकती| धर्मनिरपेक्षता के कारण नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है| भारत की आत्मा सनातन धर्म की बात करने वाले उपहास के पात्र और साम्प्रदायिक कहे जा रहे हैं| अतः यह सभ्यता और संस्कृति नष्ट तो होगी ही| ऐसी मनुष्यता भी नष्ट ही हो जाये तो ठीक ही है| मनुष्य का कल्याण उसके कर्मों से होता है, ना कि किसी की प्रार्थनाओं से| ये कर्म विनाश की ओर ले जा रहे हैं जो जितना शीघ्र हो जाए उतना ही ठीक है|

टिप्पणियाँ

संपर्क

सम्पर्क करें

गो दुग्ध - एक अध्ययन

- डॉ. श्री कृष्ण मित्तल